सृजन समय में भटकी एक किरणकरती विजन ब्रह्मांड में मार्गक्रमण
एक स्फटिक के पार हो गयी...
कोई जादू था वह अद्भुत
या रचनाकार की करामात
किरण सात हिस्सों में विभाजित हो गयी...
उन सात हिस्सों को हमने रंग कह दिया
रंगों ने विश्व को व्याप लिया...
और दुनिया रंगीली हो गयी !
इस रंग-रंगीली दुनिया को हम देख सकते हैं
बंद आँखों से भी रंगीले सपने सजा सकते हैं
लेकिन उनका क्या जिनकी आँखों में रोशनी ना हो!